What is Bitcoin in Hindi ? Bitcoin कैसे काम करता है ।

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  What What is Bitcoin In Hindi .. (Bitcoin क्या है ?) दोस्तो  आज के बदलते दौर में सब कुछ digital हो रहा है। पहले सब कुछ हाथो में रहता था मगर जबसे internet  का जमाना आया सब online  हो गया ।  इस क्रम में पैसे भी digital हो गया है। और Bitcoin इसी क्रम में आता है । इस article में हम बात करेंगे कि Bitcoin क्या है (what is Bitcoin?) और इसका प्रयोग कैसे होता है । बीते कुछ सालों से Bitcoinऔर cryptocurrency का ऐसा trend चला है कि आज के समय में हर कोई Bitcoin और cryptocurrency में अपने पैसे निवेश करना चाहता है , इसमें कोई ग़लत भी नहीं है । आप को जान कर यह हैरानी होगी की आज के 10 साल के पहले अगर आप ने Bitcoin में 100 रुपए भी निवेश किए होंगे तो उस 100 रुपए की कीमत आज करोड़ों रुपए के बराबर होती । चौक गए ना  जान कर की 100रुपए की कीमत करोड़ों में हो गई । मुझे पता है कि Bitcoin के बारे में जानने की आपकी  बेताबी बढ़ गई है । तो चलिए जानते है कि bitcoin क्या होता है और यह कैसे काम करता है । What is Bitcoin in Hindi? Bitcoin  एक क्रिप्टोकरंसी है जिसे आप digital currency या virtual currency भी कह सकते हैं

Twins Tower in Noida

 

Noida Twin Tower

Noida Twin Tower 


नोएडा के सेक्टर 93A में सुपरटेक के ट्विन टॉवर (Supertech Twin Tower) को रविवार दोपहर धराशाई कर दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टॉवर को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के साल भर बाद यह कार्यवाही की गई। लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में गिरा दिया गया। दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुबमीनार (73 मीटर ) से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टॉवर को वाटरफॉल इम्प्लोजन तकनीक की मदद से गिराया गया। ट्विन टॉवर को ध्वस्त किये जाने के कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं। सुपरटेक के ये ट्विन टॉवर भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंचे ढ़ांचे थे। 

 एटीएस सोसायटी की 10 मिटर की दिवार टूटी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे सेक्टर 93A में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाऊसिंग सोसायटी के भीतर 2009 से 'एपेक्स' (32 मंजिला) और 'सियान' (29 मंजिल) टावर निर्माणधीन थे। इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोट का इस्तेमाल किया गया था। ट्विन टॉवर को गिराने काम करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के आसपास मौजूद आवासीय इमारतों को कोई नुक्सान नहीं पहुंचा है।
हालांकि बाद में नोएडा प्राधिकरण की सी-ई-ओ रितु माहेश्वरी ने बताया की एटीएस सोसायटी कि 10 मिटर की दिवार क्षतिग्रस्त हो गई है। अन्य कहीं से नुक्सान की कोई सूचना नहीं मिली है।

शाम 7 बजे तक पास की सोसाइटियों के लोग घरों में वापस जा सकेंगे

नोएडा प्राधिकरण की सी-ई-ओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि ट्विन टॉवर के विध्वंस से पहले और बाद में AQI डेटा लगभग
समान है। शाम 7 बजे के लगभग आसपास के खाली सोसाइटियों के निवासियों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी। यहां लगभग 100 पानी के टैंकर 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। एडिफिस दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमालिशन्स, केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान
सीब-आर-आई और नोएडा के सोसायटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की इमारतों का स्ट्रक्चरल विश्लेषण कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि धूल पर पानी का छिड़काव करने के लिए 'एटीं स्माग गन' (पानी का छिड़काव करने वाले उपकरण) का उपयोग किया जा रहा है।

करिब 80 हजार टन मलबा हटाने में लगेंगे 3 महिने

ट्विन टॉवर में 40 मंजिले और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे।
इन ढांचों को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसायटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करिब 5,000
लोगों को वहां से हटा दिया गया। 
इसके अलावा करिब 3,000 वाहनों और बिल्ली कुत्तों समेत
150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया।
अनुमान के मुताबिक ट्विन टॉवर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न हुए 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने
31 अगस्त 2021 में ट्विन टॉवर को गिराने का आदेश दिया गया था। न्यायालय ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की 
सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन है।

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